Posts

Showing posts from September, 2023

Translate

जप ध्यान- Mantra Meditation

Image
मंत्र का अर्थ संस्कृत में "मन" का अर्थ है मन और "त्र" का अर्थ है राहत देना। इस प्रकार "मंत्र" का अर्थ हुआ मन को शांत करना। इसलिए मन को पवित्र नाम के जाप के माध्यम से सांसारिक विचारों और गतिविधियों से मुक्त करना होगा।  "महा-मंत्र" का अर्थ है मुक्ति के लिए महान जप। हरे कृष्ण महा-मंत्र इतना शक्तिशाली है कि यदि कोई किसी भी स्थिति में इसका जाप करता है तो उसे भौतिक अस्तित्व की सभी बुराइयों से बचाया जा सकता है। हम जप क्यों करते हैं?       हरेर नाम हरेर नाम हरेर नामैव केवलम् कलौ नास्त्य एव नास्त्य एव नास्त्य एव गतिर अन्यथा कलि के इस युग में आध्यात्मिक प्रगति के लिए, कोई विकल्प नहीं है, कोई विकल्प नहीं है, पवित्र नाम, पवित्र नाम, भगवान के पवित्र नाम का कोई विकल्प नहीं है आध्यात्मिक जीवन में प्रगति के लिए, शास्त्र सत्ययुग में ध्यान, त्रेतायुग में भगवान विष्णु की संतुष्टि के लिए यज्ञ और द्वापर युग में मंदिर में भगवान की भव्य पूजा करने की सलाह देते हैं।  लेकिन कलियुग में व्यक्ति केवल भगवान के पवित्र नाम का जाप करके ही आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त कर सकता है हरे

भगवान कौन है?

Image
भगवान् शब्द बनता है, भगवान् इसमें "भग" धातु है। भग धातु का ६ अर्थ है- ९. पूर्ण ज्ञान, २ पूर्ण बल, ३. पूर्ण चन, ४. पूर्ण यश ५ पूर्ण सौंदर्य और ६. पूर्ण त्याग। विष्णुपुराण ६.५.७४ में भी यही बात कहा कि "सम्पूर्ण ऐश्वर्य को भगवान कहते. है।" इस प्रकार भगवान शब्द से यह तात्पर्य हुआ कि जो छह गुणों से उक्त हो उसे भगवान कहते है, दुसरे शब्दों में कहें तो ये छहों गुण जिसमे नित्य (सदा) रहते हो उन्हें भगवान कहते हैं। ऐश्वर्यस्य समग्रस्य वीर्यस्य यशसः श्रीयः ज्ञान-वैराग्ययोश चैव शानं भग इतिंगना ( विष्णु पुराण 6.5.47) उपरोक्त श्लोक में पराशर मुनि जो श्रील व्यासदेव के पिता हैं श्री भगवान के बारे में कहते हैं कि छः ऐश्वर्य यथा धन, बल,यश, रूप, ज्ञान एवं वैराग्य परम पुरुषोत्तम भगवान में पूर्ण मात्रा में विद्यमान होते हैं  ऐश्वर्यस्य समग्रस्य, जिसके पास सारी संपत्ति , वीर्यस्य सारी ताकत , सारी श्रद्धा यशसः, सारी सुंदरता , सारा ज्ञान और सारा त्याग है, वह भगवान है।  संपत्ति  - इस दुनिया में बहुत सारे अमीर लोग हैं लेकिन कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि वह कृष्ण से ज्यादा अमीर है या यह क